कमी

कोई तो कमी रही होगी मुझ मेंनहीं यूँ ही नहीं तू चला गया होता यूँ तो सबके साथ तुम खड़े रहेकाश मेरे साथ कभी तू खड़ा होता ज़माने की रिवायत निभाते हो तुममेरी सुन लेते तो बुरा बोलो क्या होता चल रहा है कारोबार मेरा भी तेरा भीरुक जाते तुम तो मैं अकेला नहीं होताContinue reading “कमी”

चैन

मेरे जज़्बों की जुम्बिश तुम्हारी धड़कन से हैजो तुम्हें चैन हो तो हमें भी कुछ चैन मिले मेरे अक्स की तामील तेरी हर तस्वीर से हैजो तुम दिखो तो हमें भी कुछ चैन मिले मेरी कसक का सबक तेरे रश्क़ से हैजो तुम हँसो तो हमें भी कुछ चैन मिले मेरा तुझसे राब्ता तेरे हरContinue reading “चैन”

झूठी आशा

झूठी आशा पाल ली थी मैंनेतुम में ढूँढ़ने लगी थी मैं अपना आधारये सोचती थी-मैं हँसूँ तो तुम भी हंसोमैं रोऊँ तो तुम भी रोओ;मेरे बिना खुश या दुःखीकैसे हो सकते हो तुम? स्कूटी पर तुम्हारे पीछे बैठकरतुम्हें कभी नहीं छुआकहीं तुम तन से भी अपने न हो जाओ। तुम्हारी अनवरत बातों कोबस सुना जवाबContinue reading “झूठी आशा”

फिर नहीं होगा

घुट के जीना होगा अब पर मरना नहीं होगाये प्यार जाना अब हमसे फिर नहीं होगा मिले थे जिन मोहल्लों में दिल के तुमसे छिप कर हमअब उन गलियों में जाना जाना फिर नहीं होगा ये माना देर कर दी हमने तुमको खुद को बताने मेंज़िन्दगी अब भी होगी मशविरा पर हमारा नहीं होगा तुम्हारेContinue reading “फिर नहीं होगा”

अपनी चीज़

दुःख है! हाँ, बहुत दुःख है!पर अपनी ही बनायी हुयीकैसे फेंक दे कोई चीज़अपनी ही बनायी हुयी?इंसान नहीं फेंक पाताअपनी आँख,कान, नाक, चमड़ीऔर हृदय….तो कैसे फेंक देअपना पाला हुआ दुःख,वो दुःख जो लिपटा है प्रेम में। जान लीजियेदुःख देता है पूर्णता को प्राप्त प्रेमजब साथ नहीं आ पाता। पर प्रेम का बीज खिलाता है नवContinue reading “अपनी चीज़”

निराकार

जब प्रेम हमारा निश्छल था  फिर क्यों न वो साकार हुआ, न रूंदन था न क्रंदन था  फिर भी न कुछ आकार हुआ।  निज तप में तप कर हम दो  जब हुये थे उस पावन क्षण एक,  न मिले हाथ पर हृदय मिले दो  भाव प्रस्फुटित हुये थे अनेक।    उस क्षण कहा था कण-कणContinue reading “निराकार”

किस्मत

ऐ हवा तू हर दम घुली हुयी है उनकी साँसों में काश! मेरी साँसों की किस्मत तुझ सी होती ऐ अब्र तेरा क्या तू जब चाहे बरस पड़ाकाश! मेरी आँखों की किस्मत तुझ सी होती ऐ क़लम तू क्यों छूती है उनकी उंगलियाँकाश! मेरे हाथों की किस्मत तुझ सी होती ऐ मौसिक़ी तेरा तार्रुफ़ हैContinue reading “किस्मत”

हरसिंगार

तुम प्रेम होतुम हरसिंगार का फूल हो;खिलते हो कुछ देरपर जीवन महका जाते हो रात तलक खिलते होसुबह ज़मीं बर्फ़ कर जाते हो,बिन कर तुमको हाथों सेकिया आंखों से आलिंगनपूजा की थाली में रखाआस्था का तुम निज आभूषण। हमसफ़र हरसिंगार काबन पाना बहुत ही मुश्किल हैकहना किसी को अपनाअपनाना बहुत ही मुश्किल है,अविवेकी प्रेम हूँContinue reading “हरसिंगार”

सारा प्यार हमारा

सारा प्यार हमारा है आज तुम्हारे आँगन मेंहर एक चाँद हमारा है आज तुम्हारे आँगन में बोल रही हैं चुप होठों सेआँखें तुम्हारी भोलीतन्हा चलती जो साँसेंवो संग तुम्हारे हो लींसारा प्यार हमारा…… साथ नहीं तो ग़म क्याहै दिल में तुम्हारे एक घरकाश कहीं रूक जाताये प्यार का सुंदर सागरसारा प्यार हमारा….. हँसते हो क्याContinue reading “सारा प्यार हमारा”