अतल अथाह कष्ट जीवन केहोते स्वयं से नित नूतन संग्राम,खोलो द्वार अब तो आशा केकुछ कष्ट हरो अब मेरे राम। प्रेम के सब सूखे हैं झरनेसूखा हृदय है सुबह-शाम,कृपा-सरिता को दो अब बहनेतृष्णा हरो अब मेरे राम। बातें कर कर ये मन हाराव्यर्थ गया यह जीवन तमाम,अंत करो सब व्यतिक्रम हमाराअवगुण हरो अब मेरे राम।Continue reading “मेरे राम”
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Untouched Sea
I did not touch the sea that day As you were not there with me, Waves could not attract me that day As you were not there with me. I stood silently on the noisy shore Thinking to wet my feet when you’ll by my side, I stood silently outside your home Thinking you would callContinue reading “Untouched Sea”
चलो सब अदालतें बंद कर देते हैं!
अलसाती दिसंबरी ठंडी में जब कोहरा धूं-धूं उड़ता है रातें लम्बी होती हैं सूरज जब देर से चलता है उन्हीं सुबहों में जब मखमली कंबलों में पैर हमारे सिकुड़ते हैं सिर तकियों में धंसते हैं कोयल भी धीमे गाती है नींद भी धीरे जाती है, ऐसी सुंदर दुनिया में आखिर क्यों जिरहे होती हैं?Continue reading “चलो सब अदालतें बंद कर देते हैं!”
तुम जैसा जहान में नहीं
कभी कोई शक़ हो ख़ुद परले लेना मेरी नज़र तुम उधार,यक़ीन हो शायद तुम्हें उस पलतुम जैसा हुस्न जहान में नहीं। कभी कोई गिला हो ख़ुद परले लेना मेरी वफ़ा तुम उधार,यक़ीन हो शायद तुम्हें उस पलतुम जैसा शख़्स जहान में नहीं। कभी कोई ग़म हो ख़ुद परले लेना मेरी हँसी तुम उधार,यक़ीन हो शायदContinue reading “तुम जैसा जहान में नहीं”
मेरा चाँद
मेरा चाँद आसमान में नहींमेरे दिल में निकलता है,मेरा चाँद सुबह शाम से परेहर पल मेरे दिल में पिघलता है,मेरा चाँद जब आता है आँखों मेंसुलझाता है गिरहें ज़िन्दगी की। मेरे चाँद में कोई दाग़ नहीं हैकभी-कभी उसे नज़र लग जाती है, मन भर देखता नहीं उसेबंद आँखों से ही छू लेता हूँ,मेरे चाँद को छूनेContinue reading “मेरा चाँद”
प्रेम समर्पण
ये प्रेम समर्पण मेरा तुमनैना स्वीकार करोसब सीमायें तोड़ करनिर्बन्ध मुझे तुम प्यार करो जो सुंदरता का मान तुम्हारामुझको रखना होगानित नयन से नयनों के तेरेअमृत रस चखना होगा जो सुगंध तुम्हारे प्रेम कीतुम्हारे स्वरों से आती हैमेरे नीरस जीवन कोबस वही सरस बनाती है प्रेम एकता दो आत्माओं कीलघु-दीर्घ का मान नहींये भावों काContinue reading “प्रेम समर्पण”
उँगलियों के बीच जगह खाली है
सुनी बहुत कहानी प्रेम कीसबने ही सुनी होगी। क्या होता है प्रेम?जीने मरने के वादेसाथ निभाने वाले इरादेया फिर शादी के धागे? कुछ तो होता होगा प्रेमजो कुछ बता देता होगाजो कुछ जता देता होगाकुछ तो होता होगा प्रेम! हाँ, शायद वही प्रेम हैजो अंत कर देता हैहर इच्छा कासमाप्त हो जाती है जहाँ हरContinue reading “उँगलियों के बीच जगह खाली है”
दीदी
बचपन मेंस्कूल से लौटते हुयेएक छोटा सा था पार्क दीदी मुझे वहाँ झुलाया करती थी। एक अकेला बचपनन थी जिसमें कुछ अनबनबैग मेरा लेकर मुझसेदीदी मुझे झुलाया करती थी। ऐसा लगता था मैंउड़ जाऊँगा सबसे दूरजब हँसते-हँसते ज़ोर लगाकरदीदी मुझे झुलाया करती थी। कुछ लिख देता था मैंजो समझ न पाती वोवो सब बुलवाती थीContinue reading “दीदी”
धुआँ है वक़्त
धुआँ है वक़्ततुम्हारे होठों से जो निकला थाकुछ हवा ने चुरा लियाकुछ रखा है हमने सँभाल के। उस भीड़ में जबकोई न देखता था किसी कोमैने देखा काजल से बनेतुम्हारे आँखों के चाँद को। बाज़ार का शोरथम सा गया जब अनजाने मेंगुनगुना दिया तुमने कुछजो किसी और ने सुना नहीं। तर्क ख़त्म कर दोविश्लेषण ज़रूरीContinue reading “धुआँ है वक़्त”
माता
जिस योग किया जीवन अर्पणमाँ वो तो तेरा मातृत्व थालिया न कुछ सब किया तर्पणमाँ वो तो तेरा कृतित्व थातुमसे मैं हूँ वैसे हीजैसे नदी स्त्रोत से निकलती हैये सघन तपस्या तुम्हारीमेरा जीवन सिंचित करती हैमैं अंश नहीं सम्पूर्ण जीवनतुमसे ही शक्ति पाता हैअसीम प्रेम की दाता जोवही तो मेरी माता है – प्रशान्त