पॉलिटिकली करेक्ट प्रेमी

शेखर ने कुछ नया लिखा है। प्रेम पर अपने समय के अनुसार कुछ नया लिखते रहना आवश्यक है। ऐसे में प्रेम फ़िल्मों और गानों द्वारा निर्मित अपनी काल्पनिक वर्जनाओं का उल्लंघन करते हुये अपने अस्तित्व की खोज करता रहता है। इसी प्रक्रिया में हम भी अपनी अच्छाइयों और कमियों को जानते पहचानते रहते हैं। इसContinue reading “पॉलिटिकली करेक्ट प्रेमी”

Journeys of Life

Life is an aggregate of various journeys undertaken by us in pursuit of our goals. The rising Sun witnesses a new journey everyday, paths being similar or different depending on the intensity of our efforts. Centrality of actions is an inescapable attribute of life. Any happening in the present times owes its existence to theContinue reading “Journeys of Life”

मकर संक्रांति- आरम्भ कुम्भ 2019

अब तक अलसाया हुआ इलाहाबाद जैसे प्रयागराज बनते ही किसी नयी ऊर्जा से भर गया है। किसी चपल बालक की भाँति एक कदम में चार कदमों की छलाँग लगाते हुआ यह नगर आध्यात्म के महापर्व कुम्भ मेले के लिये तैयार है। अभूतपूर्व व्यवस्था के साथ इस बार का कुम्भ एक वृहद बदलाव का भी साक्षीContinue reading “मकर संक्रांति- आरम्भ कुम्भ 2019”

खुले पैर

टूटा हुआ दिल कवितायें रच सकता है पर टूटा हुआ मन नहीं। पता नहीं दुबारा कब कविता लिखने का मन होगा जो कि प्रतिक्रियात्मक नहीं अपितु नैसर्गिक भावों कि अभिव्यक्ति होगी। तब तक शेखर लिखती रहेंगी और उनकी लेखनी आप सबसे साझा होती रहेंगी। आसमान की ये स्याह चादर  मेरे लिये कुछ छोटी सी पड़Continue reading “खुले पैर”

अंतिम कविता

तुम्हारी निर्ममता से क्षत-विक्षतरो-रो कर सूख गया मेरा क्लान्त हृदयनींव है असफलता और दुःख कीतुम्हारे सामीप्य को किये गयेमेरे समस्त प्रयास काश! तुमने मुझसे झूठ न बोला होता। भौतिकता की वेदी परमेरे सरल भाव मार दिये तुमनेकाश! तुम्हें सामने कुछ कह पाता मैंकाश! तुमसे घृणा कर पाता मैंतुम्हारे प्रति मेरा प्रेमकर देता है पराजितमेरी हरContinue reading “अंतिम कविता”

ब्लॉक्ड

आँखों में तुम्हारा चित्रउंगली पर तुम्हारा स्पर्शमन में तुम्हारे विचारहृदय में प्रेमसब जैसा था जम गयामैं फॉर्मली ब्लॉक कर दिया गया। मुझे बोलनी कड़वी बातेंजो मेरे मन से नहींमेरे मुँह से निकली थीकिसी संबंध की समाप्तिमाँगती है कारणमैंने किया निश्छल प्रयास देने को कारणनदी ऐसे ही तो राह नहीं बदलतीज़मीन ऐसे ही तो नहीं सूखतीमेरेContinue reading “ब्लॉक्ड”

ब्यूटी स्लीप

ब्यूटी स्लीप- पहली बार यह शब्द तुम से सुना थामन में आया था बस यह विचारजो सहज ही सुंदर हैउसे क्या आवश्यकता आडम्बर कीशायद इसीलिये नहीं अच्छा लगा कभीमुझे तुम पर मेकअप;यह पितृसत्ता नहींतुम्हारे प्रति मेरी श्रद्धा है। आज तुम सज रही होगीसबको सुंदर दिखने कोतुम मेरी नहीं थी कभी,परउसका आभास आज हुआ हैकुछ कृत्रिमContinue reading “ब्यूटी स्लीप”

बात

नहीं बीतती अब ये लम्बी रातनैना मुझसे कर लो कुछ बात जब आ जाऊँ मैं संग तुम्हारे साथथिरकाओ चाँद के आगे अपना हाथगोरी उंगलियाँ चले मेरे गालों परमेरा सिर हो तुम्हारी ज़ानों पर मैं गीत लिखूँ तेरे होठों परतुम गाओ उसको मेरे साथसब सुर मेरे छिपे तुम परतुम छिप जाओ मेरे साथ तुम छू लोContinue reading “बात”

आत्मप्रवंचना

पिछले साल कहा था तुमनेतुम मुझसे मिलने आओगीउस नगर जो मेरा नहीं थावहाँ से चलना था हमकोजहाँ दोनों नहीं गये थे कभीतुम बिना बताये चुप हो गयेमैं कर रहा प्रतीक्षा आज भी तुम्हारे आने की। उन मनोरम स्थलों पर जहाँ तुमने नहीं जाना चाहा मेरे साथजब भी देखता हूँ तुम्हारे चित्रसत्य है मुझे नहीं होताContinue reading “आत्मप्रवंचना”

एकपक्षीय निर्णय

किसी पेड़ के तने की तरहतुम मेरे जीवन की स्थायी आशा नहीं थेतुम फूल थेतुम्हें मुरझाना ही था,जिसे तुमने प्रेम समझावो अभिव्यक्ति थी आत्म-ग्लानि कीमेरे पूर्ण जीवन में तुम्हारा सिसकता चेहरामुझे अच्छा नहीं लगतामैं क्या करती उसके सिवाजो मैंने कियाएक अच्छे लिबास से हटानी पड़ती हैअनचाही कतरन। तुम एक रोमांच थेचाहिये होता है स्थायित्व जिसकेContinue reading “एकपक्षीय निर्णय”