आप मुस्कुराएँ और हम वहां हों सारे आलम हो हुस्न के और हम वहां हों नहीं तमन्ना हमें ताज महल की छोटा सा घर हो आपका और हम वहां हों पतझड़ में गिरी पत्ती फंसी हो बालो में उसको हटाने के लिए बस हम वहां हों किताबों से थक जब आँखें आराम करें उन पर से चश्मा हटाने को हमContinue reading “हम वहां हो”
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मिट्टी की तलाश में
मन में जो आया बस उसे लिख रहा हूँ… पता नहीं ये कविता है कि नहीं!! ना ये पता है कि ये साहित्य किसी भी वर्ग में स्थान पाने के लायक भी है या नहीं.. परन्तु इसका पूर्ण विश्वास और संतोष है कि ये रचना एक सच्ची हार्दिक अनुभूति का प्रतिफल है!! रात को चमकती लाइटContinue reading “मिट्टी की तलाश में”
अच्छा होता
मेरी कल्पना सत्य हो जाती तो अच्छा होता मनुष्य मनुष्यता सीख लेता तो अच्छा होता भावनाएं ह्रदय से निकलती तो अच्छा होता प्रेम प्रदर्शनी न बनता तो अच्छा होता बातें मुंह पर होती तो अच्छा होता प्रकृति दुही ना जाती तो शायद अच्छा होता मित्रता व्यवसाय न बनती तो अच्छा होता शिक्षा ज्ञान देती तो अच्छाContinue reading “अच्छा होता”
मुझको पता है
मुझको पता हैतुमने मुझे मुस्कुराते हुए देखा हैये बात और है किभीड़ के परदे में छुपकरतुमने खुद को छुपा लियापर रोक न पाई अपनी आँखों की चमकजो पार कर झिझक की दीवारमेरे मन का एक कोनारोशन कर गईदुपट्टा आज भी संभाला था तुमनेलेकिन खुद को संभालने के लिएना कि अपनी रोजाना की आदत की तरहउभरतेContinue reading “मुझको पता है”
I never had a dream!!
As a child I never had a dreamI grew upTaking life the way it cameScolding never made me upsetGoing school was always a funI slept in peaceWaking every morning super freshSo bright were the daysUnlike the ones I experience todayI have become more sanePerhaps more prudent tooBut I suffer nights full of murky dreamsPile ofContinue reading “I never had a dream!!”
त्रासदी
पच्चीस साल पहले यहाँ एक दुर्घटना हुई थीकहते हैं कारखाने से निकली गैस नेहज़ारों का दम घोंटा था,हज़ारों आज भी मर रहे हैं घुट घुट करयाद में उनकी, जो बदनसीबी सेउस वक़्त भोपाल में थे;पर ये महज़ दुर्घटना नहीं थीएक सोचा समझा षड़यंत्र था,पूँजीवाद के राक्षस नेलोकतंत्र के दलालों से हाथ मिलाकरबेगुनाह, जिन्हें रोटी की आशा थीमौतContinue reading “त्रासदी”
पल भर में
पल भर में कभी कुछ दिनों के फासले मेंकोई ख़ास बन जाता हैकल तक जो दबा सा था हसरत मेंवही रूमानी एहसास बन जाता हैलिख लिख कर जिनकी याद मेंमेरी कलम की स्याही सूख गईजिनके जाने से मेरी बंधी हुईसारी उम्मीदें टूट गईंवो अपना ही जब अनजानासरेआम हुआ जाता हैतो किस अदालत मेंरखूँ मैं अपनीContinue reading “पल भर में”
रिश्ते
क्या ज़रूरी है कि हर रिश्ते का इकरार होये ज़रूरी नहीं हर इकरार का इनकार होइतने नाम सुने हमने इस जहान मेंक्या ज़रूरी है हर रिश्ते का कोई नाम हो एक मुलाकात रिश्ते बना जाती हैइबारत कोई नयी लिख जाती हैमीठा सा लगता है सब कुछ हद तकहलकी सी खटक सब खट्टा कर जाती हैContinue reading “रिश्ते”
Going away from me
You are going away from meShowing no regard for my feelingsErasing every mark I cherishedLeaving all the love without trailings Every breath I smelled of youEvery finger touch I felt of youMy moments which witnessed youFor the love of life I liked youShared my bits with youI love you!!!!You are going away from me…………… TearingContinue reading “Going away from me”
असल ताकत आदमी के इरादों में होती है
ना भीड़ से ना लुभावने लफ्जों सेना तक़रीरों से ना दबे जज्बों सेदौलत की शोहरत की उम्र भी थोडी होती हैअसल ताकत आदमी के इरादों में होती है। बैठना चार पायों पर है फकत आसानइल्मों का पुलिंदा आदमी है बड़ा नादानकमी खुदा में नही मगर बन्दों में होती हैअसल ताकत आदमी के इरादों में होतीContinue reading “असल ताकत आदमी के इरादों में होती है”