प्रिय मित्र ऋचा और अंकित की विवाह की चौथी वर्षगाँठ के अवसर पर एक छोटा सा प्रयास- कुछ यूँ सुंदर है प्यार तुम्हारा जैसेबोगनवेलिया के रंग-बिरंगे फूलकुछ यूँ पनपा है प्यार तुम्हारा जैसेछोटी छत पर गमले में फूल, है रंग-महक का ऐसा मेलादोनों के आते सब सुंदर हो जाता हैहै निश्छल ऐसी अभिव्यक्तिबिन कहे समझContinue reading “प्रशस्त-प्रेम”
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ये साथ-साथ
ये साथ-साथ की कसमें ये साथ-साथ की रस्में ये साथ-साथ की बातें ये साथ-साथ की रातें ये साथ-साथ का रासें ये साथ-साथ की सांसें ये साथ-साथ की आँहें ये साथ-साथ की बाँहें ये साथ-साथ की पूजा ये साथ-साथ कोई दूजा ये साथ-साथ का सच ये साथ-साथ का झूठ ये साथ-साथ का मर्म ये साथ-साथ कीContinue reading “ये साथ-साथ”
हमको ज़रा बता दो
बरस सके जो तुम पर वो बादल कहाँ बता दोकहाँ भेजे तेरी तस्वीरें वो पता कहाँ बता दो वो छुअन तुम्हारे गालों की अटकी है दिल मेंजहाँ जाकर भूल जाये वो जगह ज़रा बता दो गा लेते जो तुमको मौसिक़ी वो मिली ही नहींकैसे गुनगुनाये तुमको तरीका कोई बता दो ख़ुशक़िस्मत हैं वो हबीब जोContinue reading “हमको ज़रा बता दो”
सुनैना
मुक्काबाज़ में सुनैना को देखने समझने के बाद ये कुछ अपरिपक्व विचार आये जिनके आधार पर कोई व्यकितगत मूल्यांकन करना अनुचित होगा। एक भावनात्मक हृदय की अभिव्यक्ति को वास्तविकता और यथार्थ की कसौटी पर परखे बिना इसे पढ़ें…. क्योंकि भावनाओं का वास्तविकता के साथ कोई संबंध नहीं है। किसी भी प्रकार की समानता महज एकContinue reading “सुनैना”
Completeness
You need to tackle thorns in lifeWith so many flowers aheadEverytime you are hurtListen all curse so curt, butWith you noone can compete‘Cos you are a man so complete. You need to tackle dripping dewWith so long winters aheadThey will call you dumbMake all your senses numb, butWith you noone can compete‘Cos you are aContinue reading “Completeness”
You need to be a woman
When you take high moral standsYou insult my loveYou never do this with othersWhat a reaction to my surrenderIs it all because of meIs this pain only for meMy heart travels lonely mileAt every stretch of fake smileYou should have told when you first met meOh Girl! You need to be a woman to loveContinue reading “You need to be a woman”
उत्तरायण का सूरज
उत्तरायण सूरज है आज मीठा तेरा तिल है आज ,टीस बहुत है दिल मेंमेरा चाँद दूर बहुत है आज। शीत हवा की जाती हैमन में बेचैनी आती है,साथ न कोई साथी हैखाली शब्दों की थाती है। सूरज का इतना व्यापारहुआ मकर रेखा के पार,लोग सब आते जाते हैंस्मृतियों का लगता अंबार। बुकोव्स्की प्रेम को कहताContinue reading “उत्तरायण का सूरज”
थोड़ी सी नींद
ये बचपन नहींजब आँख का बंद होनाहोता था नींद का आना,अब तो आँखें बंद होते हीमन चलने लगता हैआज से पीछेआज से आगे;इसी दौड़ मेंबहुत दिनों से नींद नहीं आयी है,काश! कोई गोद में रख लेता सिरऔर सिर पर अपने हाथफिर होठों से पी लेताइन जागती आंखों के सपनेजो न जीने देते हैंना ही सोनेContinue reading “थोड़ी सी नींद”
कुछ तो होगा यहाँ
तुम्हारे लियेकुछ तो होगा यहाँ;ताज़े नहीं सही बिखरे फूलों की ख़ुशबूतो होगी तुम्हारे लिये,प्यार नहीं सही किसी की दुत्कारतो होगी तुम्हारे लिये,मंच नहीं सही नेपथ्य की संभावनातो होगी तुम्हारे लिये,पुरस्कार नहीं सही कुछ सांत्वनातो होगी तुम्हारे लिये,उपलब्धि नहीं सही सादी ज़िन्दगीतो होगी तुम्हारे लिये,कुछ भी नहीं सही तुम्हारी रूहतो होगी तुम्हारे लिए। और नहीं हैContinue reading “कुछ तो होगा यहाँ”
An ode to the heart
All full of scabs is your heart Warning signs for a hurt soul To not turn again On that familiar pothole Where you met a pristine girl Making promises galore She flew with the wind When the season changed, and All got wasted that you earned whole life Not necessary whom you love shall be yourContinue reading “An ode to the heart”