सिरहाने रखा ख़्वाब

सिरहाने रखा ख़्वाब जब तक पूरा ना हो जायेतब नींद आये भी तो क्यों आयेजलना है मुझे अभी खुद में हीनज़र किसी को आये या न आये। मोहब्बत की तो जरूरी नहीं तुम्हें भी मिल जायेसुन सको तो सुन लो जब होंठ सिल जायेंबोलना है मुझे अब सब ख़ुद से हीमहफ़िल में मेरी कोई आये याContinue reading “सिरहाने रखा ख़्वाब”

अब भी तेरे इंतज़ार में बैठे हैं

जो धड़क उठे वो दिल ही क्याहम तेरी आरज़ू में बेहाल बैठे हैंसुन्न सब अब कुछ लगता नहींअब भी तेरे इंतज़ार में बैठे हैं परस्तिश तुम्हारी नूरी निगाहों कीमोहब्बत थी मुरव्वत नहींचुप रहना नहीं बेशिकवा होनासारे मुंसिफ़ क्यों चुप बैठे हैं आशिकी का करम है येजीना भी एक अदा बन जाती हैजी लिया हमने भी जैसे तैसेऐ क़ज़ाContinue reading “अब भी तेरे इंतज़ार में बैठे हैं”

संघर्ष

इलाहाबाद के छोटे कमरों में बड़े सपनों के साथ रहने वाले कई छात्रों के दुरूह जीवन को अभिव्यक्त करने  का प्रयत्न इन पंक्तियों  द्वारा करने का प्रयास किया है। आलोचना एवं टिप्पणियां आमंत्रित हैं।  कल, बाद आधी रात के  जब सब कुछ सोया-सोया था, तो जग रहीं थी  बस मेरी आँखें  हरहराता कूलर, और  उसकी हवाContinue reading “संघर्ष”

बहुत दिनों से

बहुत दिनों सेमैंने देखा नहीं तुमकोऔर ना हीसुनी तुम्हारी आवाज़पर,एक छाया धुंधली सीहै रेखांकित कहीं मन मेंजिसमें दिख तो नहीं रहीपर खुल के खिलखिला रही हो तुम। नहीं है उस छवि मेंउत्तेजना का आवेगऔर ना हैगर्मी प्रतिस्पर्धा की,वो जो संचित है छवि तुम्हारीचेहरा दिखता नहीं तुम्हारापर है उसमें आभा शीतलता की। क्यों आवश्यक है?सृजन किसी सम्बन्ध कानिजताContinue reading “बहुत दिनों से”

Of course it was no fault of mine!

Of course, it was no fault of mine!Why would otherwise,In the utter darkness,The radiant Sun would shine?Not the Sun that adorns the galaxies high aboveBut the Sun within me which has no start or endThe eternal soul bound to ethereal loveFlowing like a river without a bendProving all the way It was no fault of mine!WhereContinue reading “Of course it was no fault of mine!”

Every woman is beautiful

Every woman is beautiful-If you have eyes to see her, Every woman is beautiful-If you have fingers to handle her curls. Every woman is beautiful-If you have ears to listen her, Every woman is beautiful-If you have skin to feel her, Every woman is beautiful-If you have instinct to respect her, Every woman is beautiful-BecauseContinue reading “Every woman is beautiful”

पहली ईंट

 सतत प्रयासों के फलित ना होने की कुंठा ही इस कविता के सृजन का कारण हैं। एक छटपटाहट है अपने तत्व को फिर से पाने की जो शायद जीवन की भूल भुलैया के किसी संकरे कोने में खो गया है। प्रशंसा, आलोचना एवं टिप्पणियाँ सादर आमंत्रित हैं।  प्रतिमा खंडित है  उस मंदिर की  जिसे मैंनेContinue reading “पहली ईंट”

महल की खिड़की

विकास एवं प्रगति सदैव प्रसन्नता का स्त्रोत हों,यह आवश्यक नहीं है। इस कविता में सोने की खिड़की पर बैठी चिड़िया के माध्यम से भौतिक रूप से सम्पूर्ण मनुष्य की आत्मिक अभिलाषा को अभिव्यक्त करने का प्रयास किया गया है। प्रशंसा,आलोचना एवं टिप्पणियाँ सादर आमंत्रित हैं।  उस महल की खिड़की जो बनी है सोने की बैठी हैContinue reading “महल की खिड़की”