अनसुनी पुकार

क्यों तुम मुझसे रूठे रामबाधायें जीवन में अविराम,किस विधि स्तुति करूँ तुम्हारीजीवन मेरा भी बने अभिराम। शबरी को अपनाया तुमनेबाली को भी तारा है,मारुति के संग रण मेंतुमने रावण को भी मारा है। कलियुग में भी आओ नाकुछ सम्बल हमें धराओ ना,इस छोटे से जीवन मेंप्रेम रस बरसाओ ना। प्रश्न उठे जब भी तुम परहमनेContinue reading “अनसुनी पुकार”

मेरे राम

अतल अथाह कष्ट जीवन केहोते स्वयं से नित नूतन संग्राम,खोलो द्वार अब तो आशा केकुछ कष्ट हरो अब मेरे राम। प्रेम के सब सूखे हैं झरनेसूखा हृदय है सुबह-शाम,कृपा-सरिता को दो अब बहनेतृष्णा हरो अब मेरे राम। बातें कर कर ये मन हाराव्यर्थ गया यह जीवन तमाम,अंत करो सब व्यतिक्रम हमाराअवगुण हरो अब मेरे राम।Continue reading “मेरे राम”

प्रभु चलती मेरी श्वास है

तेरी आस है तेरी प्यास हैमेरे राम तुझ पे विश्वास हैजब तक है तू मेरी याद मेंप्रभु चलती मेरी श्वास है। मेरे हृदय में हर अंग मेंजीवन की हर तरंग मेंतेरा नाम राम समाया हैमुझे क्यों नहीं अपनाया है। मेरा टूटता सा ये जनममेरे राम कर तू कुछ करमभव तार मुझको कृपानिधानतेरा दास दर पेContinue reading “प्रभु चलती मेरी श्वास है”