दियलिया

रेलगाड़ी ने सीटी दे दी थी। इस बार अंजलि को विदा करने कोई नहीं आया था। किसी ने न तो हाथ पकड़े थे, न बोगी की जंग लगी रेलिंग और न ही बिना छुये किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखा था। सब फीका था। इस बार तो उसके आँसू भी खारे नहीं थे। आजContinue reading “दियलिया”

कस्टर्ड

पागल से लगने वाले विक्की ने अपने हिस्से का कस्टर्ड सामने खेल रही छोटी बच्ची को दे दिया। ****************************************************************************************** विक्की भावी अफसरों के बीच रहने वाला एक युवा कर्मचारी है। अपने काम से ज़्यादा वो अपने मुँहफट और पागल अंदाज़ के लिए प्रसिद्ध है। बीच-बीच में अधकचरी अंग्रेजी में बोले गये उसके कुछ वाक्य सभी काContinue reading “कस्टर्ड”

संगम

प्रस्तुत लघु-कथा एक कल्पना मात्र है। किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति या किसी वस्तु से किसी भी प्रकार की समानता, मात्र एक संयोग है। लेखक का आशय किसी भी विचारधारा या मनुष्य को चोट पहुँचना कदापि नहीं है। दिसम्बर की ये सर्द सुबह लाखों आवाजों से भरी हुई थी। इंसानों का हुजूम कोहरे की घनी चादरों को हरातेContinue reading “संगम”

संगम

प्रस्तुत लघु-कथा एक कल्पना मात्र है। किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति या किसी वस्तु से किसी भी प्रकार की समानता, मात्र एक संयोग है। लेखक का आशय किसी भी विचारधारा या मनुष्य को चोट पहुँचना कदापि नहीं है। दिसम्बर की ये सर्द सुबह लाखों आवाजों से भरी हुई थी। इंसानों का हुजूम कोहरे की घनी चादरों को हरातेContinue reading “संगम”