उँगलियों के बीच जगह खाली है

सुनी बहुत कहानी प्रेम कीसबने ही सुनी होगी। क्या होता है प्रेम?जीने मरने के वादेसाथ निभाने वाले इरादेया फिर शादी के धागे? कुछ तो होता होगा प्रेमजो कुछ बता देता होगाजो कुछ जता देता होगाकुछ तो होता होगा प्रेम! हाँ, शायद वही प्रेम हैजो अंत कर देता हैहर इच्छा कासमाप्त हो जाती है जहाँ हरContinue reading “उँगलियों के बीच जगह खाली है”

दीदी

बचपन मेंस्कूल से लौटते हुयेएक छोटा सा था पार्क दीदी मुझे वहाँ झुलाया करती थी। एक अकेला बचपनन थी जिसमें कुछ अनबनबैग मेरा लेकर मुझसेदीदी मुझे झुलाया करती थी। ऐसा लगता था मैंउड़ जाऊँगा सबसे दूरजब हँसते-हँसते ज़ोर लगाकरदीदी मुझे झुलाया करती थी। कुछ लिख देता था मैंजो समझ न पाती वोवो सब बुलवाती थीContinue reading “दीदी”

धुआँ है वक़्त

धुआँ है वक़्ततुम्हारे होठों से जो निकला थाकुछ हवा ने चुरा लियाकुछ रखा है हमने सँभाल के। उस भीड़ में जबकोई न देखता था किसी कोमैने देखा काजल से बनेतुम्हारे आँखों के चाँद को। बाज़ार का शोरथम सा गया जब अनजाने मेंगुनगुना दिया तुमने कुछजो किसी और ने सुना नहीं। तर्क ख़त्म कर दोविश्लेषण ज़रूरीContinue reading “धुआँ है वक़्त”

हृदय में मेरे आओ राम

पास मेरे अब आओ रामहृदय में रावण बैठा हैहृदय में मेरे आओ राम काम करें कैसे निष्कामहाथों में रावण रहता हैहाथ में मेरे आओ राम प्रेम हमें सिखलाओ रामद्वेष का रावण बैठा हैजीवन मधुर बनाओ राम जीवन बना विकट संग्रामहार का रावण बैठा हैमुझे जिताओ अब तो राम फिर से आयी अंधेरी शामतम का रावणContinue reading “हृदय में मेरे आओ राम”

माता

जिस योग किया जीवन अर्पणमाँ वो तो तेरा मातृत्व थालिया न कुछ सब किया तर्पणमाँ वो तो तेरा कृतित्व थातुमसे मैं हूँ वैसे हीजैसे नदी स्त्रोत से निकलती हैये सघन तपस्या तुम्हारीमेरा जीवन सिंचित करती हैमैं अंश नहीं सम्पूर्ण जीवनतुमसे ही शक्ति पाता हैअसीम प्रेम की दाता जोवही तो मेरी माता है – प्रशान्त

इंतज़ार

मोहब्बत जवाँ होती है इंतज़ार सेतुम्हारा बहुत दिनों से इंतज़ार है जो कुछ किया याद तुम्हारे प्यार मेंपढ़ लो मेरी आंखें तुम्हारा अख़बार हैं फ़िसल पड़ी थी धड़कन जिस अदा परतुम्हारी उसी अदा पर जान निसार है जब रहते हो तुम दूर हम लिखते हैंमेरी रूह के करीब हमेशा मेरा यार है जब कभी झपकतीContinue reading “इंतज़ार”

सूखता पौधा

एक डंठल पीली तोड़ करमिटाये सूखने के निशानपीले हो गये तुम परनहीं पहुँचोगे श्मशान,तिनका जब तक रहेगा एक भी हराभाग्य जीवन का रहेगा सदा भरा। हरे हो तुम तो हरी हैंतुम्हें देने वाले की दुआयेंवो नहीं है यहाँ पर तो क्याहर लेता है सारी बलायें,तिनका जब तक रहेगा एक भी हराविश्वास-कलश रहेगा सदा भरा। कुछContinue reading “सूखता पौधा”

तुम साथ होते हो मेरे

कब साथ होते हैं दो लोग?जब होते हैं हाथों में हाथया होती है बातों में बात? तुम साथ होते हो मेरेजब सोच लेती हूँ मैं उस पल कोजब मैंने तुम्हें पहली बार देखा था,तुम्हारी पहली आवाज़ मुझे आज भी छू लेती है! तुम साथ होते हो मेरेजब तुम्हारा नाम आता है ज़ुबाँ परजब तुम चमकतेContinue reading “तुम साथ होते हो मेरे”

सत्य

जाना ही सत्य है;जन्म से लेकर प्रेम तकलोग आते हैंमात्र जाने के लिये। फूल सूख जाता है खिल करपानी बह जाता है मिल करऔर समय के साथलिखा हुआ सब मिट जाता है। तो सत्य क्या है?क्या देखा है किसी ने?वेदों की ऋचाओं मेंया वासनाओं की पोटली मेंसत्य, कहाँ है? क्या जो नहीं दिखता वो नहींContinue reading “सत्य”

स्वप्न-हन्ता

जो लौट गया घर अपनेलेकर टूटे सपनों की गाँठक्या लौटेगा उसका यौवनहफ़्ते में दिन जिसके आठ। वो सूखे होंठ पथराई आँखेंबोले चुप चुप में ही हर बातकब तक सुबह की राह देखेंजब इतनी लंबी हो रात। उपक्रम जीवन हो जाता हैलंबा जब हो जाता संघर्षआशा फिर भी बंधी है रहतीकभी तो होगा उत्कर्ष! अपराधी हैContinue reading “स्वप्न-हन्ता”