दुनिया के इस बाज़ार में कई खिलौने बिकते हैं
बड़े लोग है आप कोई भी खरीद लिया होता
जान थी उसमे जिस खिलौने से आपने ये सलूक किया
ज़रा यूँ मारने से पहले थोड़ा रहम तो किया होता!!
दुनिया जिसको सुनती थी तबियत से
आज ऐसी एक कहानी ख़त्म हुई।
कल तलक जिन्हें बेपनाह मोहब्बत करते थे
आज उनकी कहानी ख़त्म हुई।
खता है मेरी ये, मुझे ख़ुद से गिला है
मेरी वजह से मासूम कहानी ख़त्म हुई।
मैं जानता हूँ न मानोगी इन बातों को
पर सच है मेरे संग तेरी खुशियाँ ख़त्म हुईं।
अफ़सोस मुझे है अंजाम का, पर साथ दिलासा है
मेरे जाने से तेरी दुनिया की कमी ख़त्म हुई।
दौलत थी न संग, तुझे छोड़ और ना कुछ चाहा था
दर्द है की अपनी चाहत इस तरह ख़त्म हुई।
रहम नसीब न हुआ, शायद इश्क निभा न सका मैं
पर सच है जब आपने चाहा ,तब अपनी कहानी ख़त्म हुई।
अशांत
ita great to hear emotins in adifferent language and tthat too full powerpacked…..the thought which u hv portrayed here is so simple and yet very difficult to bear in reality…pata nahi shayad main is baaare mein kabhi kuch keh na paun par itna manti zarur hoon ki bikne waali koi bhi cheez is tarah shabdo mein nahi kahi ja sakti
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