मेरी बाहों में

यूँ कुनमुनाओ मेरी बाहों मेंये रात गुनगुनी हो जाये झटक दो बालों से बरसातकुछ गुदगुदी हो जाये कोई सुन न ले किस्सा मेराकानों में बुदबुदी हो जाये बंद कर लो तुम अपनी आँखेंथोड़ा लुकाछुपी हो जाये बना लो मेरे हाथ को तकियाथोड़ी झुनझुनी हो जाये थाम लो मेरे जज़्बातों को पहलेमेरी हर बात न अनसुनीContinue reading “मेरी बाहों में”

फिर भी, प्रेमी न थे!

मिल सको तो मिलोजैसे पहली बार मिले थे तुमथोड़े से मासूमथोड़े से नाज़ुकथोड़े से अल्हड़थोड़े से ‘तुम’ सब सुन्दर था तबउस बड़े घर की तरहजिसके अंदर कोई गया नहींहर कोना नया थाअनछुआ सा, सब ढका थाधूल से बचाने वाले कपड़ों से सुन्दर थे तुम? पता नहीं!कैसे थे तुम? पता नहीं!बस इतना पता हैकुछ अलग थाContinue reading “फिर भी, प्रेमी न थे!”

बुरा हूँ बहुत

बुरा हूँ बहुत बुरा पर न चाहा कभीलफ्ज़ बोले नहीं पर कतरा समाया सभीइसी आस में हमने बहाये न आँसूसाथ गंगा के बह न जाये जज़्बे सभी बात निकली थी जो दिल से कभीदेखी कुछ थीं या पढ़ी थीं सभी?इसी आस में हमने कुछ न कहापहुँचेगी तुम तक यूँ ही कभी सामने थे तुम जबContinue reading “बुरा हूँ बहुत”

Nudity is Beautiful

Picture courtesy- http://scd.france24.com/en/files/imagecache/france24_ct_api_bigger_169/article/image/06062015%20kapoor%20vagina.jpg Nudity is aesthetic if one has an eye for it. Curiosity towards the exploration of nudity has regularly inspired many great acts that this world has ever seen. Latest furore in Paris over installation of Anish Kapoor’s sculpture “Queen’s Vagina” (placed in the grounds of the Palace of Versailles) has exposed theContinue reading “Nudity is Beautiful”

कुछ पता नहीं

माँ वाली शर्ट की उधड़ी सिलनजब सिली थी तुमने पहली बारना समझ आया थातुम पास आयी थी यामाँ हुयी थी दूरमैंने आज फिर वही शर्ट पहनी हैमाँ आज भी नाराज़ हैतुम्हारा कुछ पता नहीं! पलाश का वो फूलजो उठा लायी थी तुमअपने कमरे के सामने सेसिकुड़ गया था तुम्हारे हाथ मेंजो लुगदी की तरहबचे हुयेContinue reading “कुछ पता नहीं”

मैं पुराना ही अच्छा था शायद

मैं पुराना ही अच्छा था शायदतब कोई भी बात मुझेपरेशान  नहीं करती थी,और अब,सफ़ेद शर्ट पर थोड़ा सा छींटाकर देता है परेशान मुझे। मैं पुराना ही अच्छा था शायदतब न कोई मुंसिफ़ था औरन ही कोई वक़ील,और अब,एक छोटी सी बात भीबड़ी लम्बी बहस बन जाती है। मैं पुराना ही अच्छा था शायदतब बिना बात हँसी भीनाContinue reading “मैं पुराना ही अच्छा था शायद”

चलो इश्क़ महकायें

चलो इश्क़ महकायें  उस ख़ुशबू की तरह  न बंद हो जो बोतल में  बस ठहर जाये  उस लम्हे की तरह  जो रहेगा आज और कल  एक सा  तुम्हारी-मेरी तरह।  इत्तेफ़ाकन खो भी जाये इश्क़ कभी  पहचान लें हम उसको  जैसे पुरानी डायरी में दबी लाइन  महक रही है जो  मोहब्बत से इतने सालों बाद भी Continue reading “चलो इश्क़ महकायें”

सिरहाने रखा ख़्वाब

सिरहाने रखा ख़्वाब जब तक पूरा ना हो जायेतब नींद आये भी तो क्यों आयेजलना है मुझे अभी खुद में हीनज़र किसी को आये या न आये। मोहब्बत की तो जरूरी नहीं तुम्हें भी मिल जायेसुन सको तो सुन लो जब होंठ सिल जायेंबोलना है मुझे अब सब ख़ुद से हीमहफ़िल में मेरी कोई आये याContinue reading “सिरहाने रखा ख़्वाब”