जल पैरों में फोड़े और बिवाई भी देता है

अख़बार में “”जल-सत्याग्रह ” करतेवृद्ध कृषकों और ग्राम निवासियों के पैर देखे।वो ऐसे तो न थे जिन्हें देख कर उन्हें ज़मीन पर रखने से मना कर दूं।लेकिन मन ग्लानि ,व्यथा और निस्सहयता से भर गया कि क्या यही जनतंत्र है?अगर मतों की समानता देखी जाए तो ,मेरे और उन वृद्धों के चुनावी मत में कोई अंतर नहीं हैContinue reading “जल पैरों में फोड़े और बिवाई भी देता है”

त्रासदी

पच्चीस साल पहले यहाँ एक दुर्घटना हुई थीकहते हैं कारखाने से निकली गैस नेहज़ारों का दम घोंटा था,हज़ारों आज भी मर रहे हैं घुट घुट करयाद में उनकी, जो बदनसीबी सेउस वक़्त भोपाल में थे;पर ये महज़ दुर्घटना नहीं थीएक सोचा समझा षड़यंत्र था,पूँजीवाद के राक्षस नेलोकतंत्र के दलालों से हाथ मिलाकरबेगुनाह, जिन्हें रोटी की आशा थीमौतContinue reading “त्रासदी”

Sachin Tendulkar

Happy Birthday SACHIN!! ‘If cricket is a religion, then Sachin Tendulkar is its GOD’ A cliché but true. It perfectly suits the person who apart from being the paragon of cricket is a role model for millions. I feel proud to be born in the nation where personalities like Sachin are born. Recently, while listeningContinue reading “Sachin Tendulkar”