तुम जैसा जहान में नहीं

कभी कोई शक़ हो ख़ुद परले लेना मेरी नज़र तुम उधार,यक़ीन हो शायद तुम्हें उस पलतुम जैसा हुस्न जहान में नहीं। कभी कोई गिला हो ख़ुद परले लेना मेरी वफ़ा तुम उधार,यक़ीन हो शायद तुम्हें उस पलतुम जैसा शख़्स जहान में नहीं। कभी कोई ग़म हो ख़ुद परले लेना मेरी हँसी तुम उधार,यक़ीन हो शायदContinue reading “तुम जैसा जहान में नहीं”