आशिक कई बने है तेरे!!

आशिक कई बने हैं तेरेतेरी मासूमियत के वार से नज़रें इनायत कीजिये तो ज़राहम भी खड़े है इस कतार में।अपनी नजाकत का है न इल्म तुझे हर अदा दिल पर असर करती हैशबाब पर होती हैं आहें जबहया से तेरी आँखें झुकती हैं।वाडे करने की रस्म है तो चलो हम पूरी कर देंगेयकीन नही हैContinue reading “आशिक कई बने है तेरे!!”

खून खंजर से ही नही!!!

खून खंजर से ही नहीलफ्जों से भी होता हैसीधे चेहरों के पीछे भीकई बार कातिल छुपा होता है।मोहब्बत का खेल है जहाँ मेंजिसके कई कच्चे खिलाडी हैंदो लफ्जों के बदले लिख दी ज़िन्दगी साड़ीदेखो सब कितने अनादी(anaadi) हैं।मासूम से दिल है सारे अपनी सी सबकी नीयत दिखती हैगुलों से जिसने अपना महबूब पूजाउसे दूजों केContinue reading “खून खंजर से ही नही!!!”

दुनिया के इस बाज़ार में कई खिलौने बिकते हैंबड़े लोग है आप कोई भी खरीद लिया होताजान थी उसमे जिस खिलौने से आपने ये सलूक कियाज़रा यूँ मारने से पहले थोड़ा रहम तो किया होता!! दुनिया जिसको सुनती थी तबियत सेआज ऐसी एक कहानी ख़त्म हुई। कल तलक जिन्हें बेपनाह मोहब्बत करते थेआज उनकी कहानीContinue reading

ज़िन्दगी और क्या है ?

ज़िन्दगी और क्या हैमौत का सफर ही तो हैज़िन्दगी और क्या हैएक घुपा हुआ नश्तर ही तो हैज़िन्दगी और क्या हैएक टूटी आरजू ही तो हैज़िन्दगी और क्या है एक लडखडाती लौ ही तो हैज़िन्दगी और क्या है —- सपना अकेले कोई देखता नहीआरजू तो जोड़े में चला करती हैनसीहत ज़माना देते थकता नहीउनको जोContinue reading “ज़िन्दगी और क्या है ?”

नीलाम ऐ मोहब्बत

मैं अपनी मोहब्बत नीलाम कर आयाबहुत दिनों से जान अटकी थीकत्ल आज सरेशाम कर आयाऐ खुदा तेरा बंद हूँ मैंकाफिरों सा काम आज कर आया।मैं अपनी मोहब्बत नीलाम कर आया दर्द सालता है आज तक मुझकोन मिला इलाज हर हकीम दिखा आयाऐ खुदा बता दे खता मेरीपिछला कौन सा बुरा काम कर आया।मैं अपनी मोहब्बतContinue reading “नीलाम ऐ मोहब्बत”

जिसकी कीमत होतारीफ़ उसी की होती हैपत्थर तो बहुत हैंपर असली कीमत तो हीरे की होती है।इल्म और खूबसूरती ख़ुद बा ख़ुद परदे पर आ जाते हैंसही लोगों को सही लोग मिल जाते हैंहीरे तू ख़ुद मुकम्मल होते हैं जौहरी तो बस उन्हें तराश जाते हैं। अशांत