खिड़कियाँ खुली रखनी चाहिये
सर्दी में भी
क्या पता
उड़ के आ जाये
कोई ओस से भीगा फूल।
चाहे कितनी भी गहरी हो
ज़िन्दगी में धुंध
उसे हारना ही है एक दिन
किसी न किसी सूरज से।
मुझे पता है
मेरा सूरज कहाँ है
मैं नदी के इस पार
उसका इंतज़ार कर रहा हूँ
उसने कहा था मुझसे
वो ज़रूर आयेगा एक दिन।
-प्रशान्त