नशा

काश! किसी को
मेरा भी नशा हो जाये
कोई मुझको भी ख़रीदे
घोल ले अपने ख़ून में
जिये मुझको अपनी साँसों में।
शायद,
अपना अस्तित्व खो कर ही
मैं औरों को आनंद दे सकूँ।
-प्रशान्त 

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