कभी चाहे-अनचाहे
होना चाहिये खाली भी,
क्योंकि,
खाली में होती है सम्भावना
भरने की।
होना चाहिये खाली भी,
क्योंकि,
खाली में होती है सम्भावना
भरने की।
खालीपन वो परमहंस है,
जिनसे मिटता है भेद सत्य-असत्य का
और मिल जाते हैं सच्चे मित्र।
जिनसे मिटता है भेद सत्य-असत्य का
और मिल जाते हैं सच्चे मित्र।
खालीपन यात्रा है
मनुष्य की देवत्व की ओर।
मनुष्य की देवत्व की ओर।
-प्रशान्त