प्रभु चलती मेरी श्वास है

तेरी आस है तेरी प्यास है
मेरे राम तुझ पे विश्वास है
जब तक है तू मेरी याद में
प्रभु चलती मेरी श्वास है।

मेरे हृदय में हर अंग में
जीवन की हर तरंग में
तेरा नाम राम समाया है
मुझे क्यों नहीं अपनाया है।

मेरा टूटता सा ये जनम
मेरे राम कर तू कुछ करम
भव तार मुझको कृपानिधान
तेरा दास दर पे आया है।

हे विष्णुरूप हे सियावर
कर ले शर का संधान अब
है त्राहि फैली चारों ओर
कलियुग चरम पे आया है।

हे शूरवीर हे महाधीर
बहा दे अब तू कृपा-नीर
पाप मलिन काया से मन
मुक्ति की याचना लाया है।

-प्रशान्त

Leave a comment