ना भीड़ से ना लुभावने लफ्जों से
ना तक़रीरों से ना दबे जज्बों से
दौलत की शोहरत की उम्र भी थोडी होती है
असल ताकत आदमी के इरादों में होती है।
बैठना चार पायों पर है फकत आसान
इल्मों का पुलिंदा आदमी है बड़ा नादान
कमी खुदा में नही मगर बन्दों में होती है
असल ताकत आदमी के इरादों में होती है।
मै निकम्मा हूँ मेरी आदत ये कहती है
मेरी आजमाईश पैमानों पर रोज़ होती है
क्या करें जवानी की उम्र ‘अशांत’ होती है
असल ताकत आदमी के इरादों में होती है।
अशांत