तेरी हर बात मुझे याद आती है!!

तेरी हर बात मुझे याद आती है
ज़िन्दगी होती मेरी शुरू जब दुनियासो जाती है
इस पागलपन का तुझे भी है इल्म सनम
तभी तो तू हर रात मेरे ख़्वाबों में आती है।

बेलिबास मेरी हर आरजू होती है
जब तू मेरी बाहों में होती है
तू भी बता कुछ अपना हाल-ए-जुस्तजू
जब तू जानेमन मेरे साथ होती है।

तेरी खामोशी यूँ तो बहुत बोलती है
तेरी मदहोश निगाहों में मेरी शराफत बेहोश होती है
मई तब ख़ुद का ना रह कर तेरा हो जाता हूँ
जब तू ख़ुद मेरे हाथ को थाम लेती है।

काबू न रहता है ख़ुद पर सब तेरे हवाले होता है
जब तेरी जुल्फों की गर्म खुशबू रगों में होती है
बड़ा जालिम है नशा तेरी महक का
इसी से तो सारी शरारत होती है।

संभाल कर रखना मुझको मैंने तुझे है पी लिया
ऐसे मतवाले की ना दुनिया में कोई पूछ होती है
दिल डूब चुका तुझमे इसका कोई वजूद नहीं
हम मयकशों की बस महबूब से ज़िन्दगी होती है
नहीं तो तुम जानती हो और मैंने भी सुना है
हर रोज़ बहुत शराबियों की मौत होती है।

अशांत

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