अकेली मौत

पत्तियों का सूखना,
बूंदों का गिरना,
संबंधों का टूटना-
ये निशान हैं किश्तों में होने वाली मौत के;
कोई अचानक ही नहीं मरता,
कोई अकेले नहीं मरता।

सपनों का टूटना
आवाज़ का रूठना
बर्तनों का फूटना-
ये निशान हैं किश्तों में होने वाली मौत के;
कोई अचानक ही नहीं मरता,
कोई अकेले नहीं मरता।

बातों की कड़ुवाहट
बेमतलब की सुगबुगाहट
खूबसूरती की बजबजाहट-
ये निशान हैं किश्तों में होने वाली मौत के;
कोई अचानक ही नहीं मरता,
कोई अकेले नहीं मरता।

रोज़ उसी राह पर चलना
गिरना और गिरते रहना
दौड़ने की हिम्मत भी ना करना-
ये निशान हैं किश्तों में होने वाली मौत के;
कोई अचानक ही नहीं मरता,
कोई अकेले नहीं मरता।

प्रेम का वाचाल होना
भावों का पाताल होना
बिन बात उबाल होना-
ये निशान हैं किश्तों में होने वाली मौत के;
कोई अचानक ही नहीं मरता,
कोई अकेले नहीं मरता।

– अशान्त

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