तुम्हे पता है क्या?
तुम्हारी खिड़की से झांकता चाँद
मेरा जासूस है।
जब सो जाती हो तुम
तब वो बताता है मुझको
किस करवट लेटी हो तुम,
मैं भी वैसे बदल लेता हूँ करवट
सुनते हैं सच हो जाती है
जो हुयी नहीं अब तक
ऐसी तकदीरें भी।
इसलिये,
मैं पास हूँ या नहीं
जब कभी दिखाई दे चाँद
समझ लेना,
मैं तुम्हें देख रहा हूँ!
-प्रशान्त