पाक़ रूह

पाक़ रूह से गुफ़्तगू का नतीजा ये है
आइना देखने की आदत छूट गयी

वो कुछ यूँ गये हमारी ज़िन्दगी से
हँसती हुयी ज़िन्दगी हमसे रूठ गयी

कल उन्हें देखने की बहुत कोशिश की
अब तो यादें भी दामन से छूट गयीं

सुना प्यार है फ़साना रूहानी ख़ुशी का
मेरी हँसी न जाने फिर कैसे सूख गयी

न जज़्बा था न हिम्मत थी,तो किया क्यों
इश्क़ के बहाने तुम हमको ही लूट गयी

-प्रशान्त

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