दूसरी है

फूल वही है,
पर मेरी नज़र दूसरी है।

ओस वही है,
पर मेरी छुअन दूसरी है।

शब्द वही हैं,
पर मेरी सोच दूसरी है।

लक्ष्य वही है,
पर मेरी लगन दूसरी है।

पूजा वही है,
पर मेरी आस्था दूसरी है।

जीवन वही है,
पर मेरी उपस्थिति दूसरी है।

-प्रशान्त 

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