हे प्रेम

Valentine’s Day (प्रेम दिवस) पर “प्रेम” को मेरी श्रद्धांजलि!!!

हे प्रेम!!
कहाँ तुम छुप गए

क्यों दुबके हो तुम
दिखावे के छोटे वस्त्रो में
क्या इतनी आती है तुम्हे शर्म
मत शरमाओ
कुछ यूं फैलो 
कि समा लो स्वयं में
उन “दो” चकवा चकवी को
जिनकी आत्माएं 
शरीर के बंधन तोड़ 
एक हो चुकी हैं
फिर मिलन हो या न हो
तुम्हारा अस्तित्व अमर रहेगा!!! 

अशांत

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