नहीं है!!

साकी तू मेरे ज़ख्मों को ना आज भर सका
तेरी शराब में आज वो पहला सा नशा नहीं है
ज़िन्दगी में मेरी न पहले से कोई फर्क है
आज तेरी ही अदा में वो जवानी नही है।

जाम हाथों से तूने आज भी है पिलाया
जो ग़म को भुला दे वैसी आज उसमे रवानी नही है
दर्द से डूबा है हम दोनों का ही अफ़साना
पर मय में आज तेरी आंखों का पानी नहीं है।

अंजुमन में हम तेरे सिर्फ़ दिल को है बहलाते
इश्क जैसी पाक कुछ अपनी खानी नहीं है
ज़माना तो अरसे से हमें बदनाम कर चुका
हम भी बेबस हमारी पास देने को कोई सफाई नहीं है।

अंधेरे में जुल्फों के हर दर्द करते हैं बयान
उजालों में दिन के अपना कोई साथी नहीं है
जानता है तू अगर जिंदगानी मेरी
कर दे गुम मुझेक्यों वो आज मदहोश जवानी नहीं है?

जानता है तू मुफलिस हूँ मई तेरे घर का
पर आज तेरे दिल में मुरव्वत की निशानी नहीं है
आज औरों सा तू भी बेदर्द हो गया
ऐ संगदिल अपने पेशे की ये निशानी नहीं है।

अशांत

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